जब पान्डेमिक की घोषणा हुई थी तो वंदे भारत मिशन के जरिए दूसरे देशों में फसे कई भरतिरयो को वापस देश में लाने वाले हम दुनिया के चुनिंदा देशो में से एक थे। कोरोना वायरस देश और दुनिया के लिए नया था और उस वक़्त इसे लेकर सबके बीच काफी घबराहट और दर भी था ,लेकिन वैसे माहौल में जिन पायलट्स ने आगे आकर विदेशों से अपनों को वापस लाने का काम किया था उसमें से एक पायलट लक्ष्मी जोशी।
लक्ष्मी जोशी ने हाल ही में ह्यूमन्स ऑफ़ बॉम्बे पेज के साथ अपनी कहानी ‘शेयर की है और जब लक्ष्मी न सिर्फ ट्रेंड कर रही हिअ ,बल्कि लोग उन्हें उनके काम के लिए बधाई दे रहे है और बता रहे है कि वो देश कि एक ऐसी बेटी है जो लोगो को प्रेरणा देती है।

लक्ष्मी बताती है कि उनका पहला मिशन शंघाई से लोगो को वापस लाना था और क्युकी चाइना हॉट स्पॉट था तो स्ट्रेस बहुत अधिक था। इस फ्लाइट में सभी क्रू के सदस्यों ने हैजमैट सूट पहना था और लक्ष्मी ने भी हैजमैंट सूट में ही फ्लाइट की उड़ान भरी थी। जब फ्लाइट वापस इंडिया पंहुचा तो ,लक्ष्मी बताती है की सभी यात्रियों ने क्रू मेंबर्स को स्टैंडिंग ओवेशन दिया था। एक बच्ची ने लक्ष्मी के पास आकर कहा था मै आपकी तरह बनना चाहती हु।